ऐसे किसानों की जमीन बच्चों के भविष्य के लिए सहारा होता हैं ! इसलिए तो रोजाना जिन किसानों का जमीन व मकान का अधिग्रहण हो रहा हैं. वह विरोध में सड़क पर उतर रहें हैं . अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के समक्ष सवाल उठा रहें हैं !
- विकास के नाम पर उपजाऊ जमीन का भारत माला परियोजना,बंदरगाह के लिए मत करों अधिग्रहण : एआईपीएफ
चंदौली / पूर्वांचल न्यूज प्रिंट : भारत माला परियोजना के नाम पर किसानों की कीमती जमीन का हो रहा हैं और वहां के किसान कह रहें हैं कि सरकार विकास के नाम पर हमारी कीमती जमीन व रिहायशी जमीन का मत करों अधिग्रहण ,सरकार यहीं मेरे जीने व रहने का सहारा हैं | लेकिन, सरकार व अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं पहले तो तय था कि उचित मुआवजा व रहने की वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा |
ऐसे किसानों की जमीन बच्चों के भविष्य के लिए सहारा होता हैं ! इसलिए तो रोजाना जिन किसानों का जमीन व मकान का अधिग्रहण हो रहा हैं वह विरोध में सड़क पर उतर रहें हैं अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के समक्ष सवाल उठा रहें हैं !
जबकि भूमि-अधिग्रहण कानून कहता हैं कि बहुफसली जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा लेकिन बहुफसली जमीन का अधिग्रहण हो रहा हैं रिहायशी को उजाड़ा जा रहा हैं ! सरकार जब भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर 2013 में लेकर आयी थी तो कीमती जमीन का अधिग्रहण न करने का था और बाजार रेट का चार गुणा मुआवजा दिया जाएगा लेकिन इस सरकार ने सब पलट दिया आज किसानों मां जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है विना पुनर्वास की व्यवस्था किए ! एक सवाल और उठता हैं कि चंदौली जनपद में जमीन का सर्किल रेट क्यों नहीं बढ़ा हैं !
चंदौली जनपद में भारत माला परियोजना के नाम पर ही नहीं बंदरगाह के नाम पर कई गांवों में किसानों के जमीन का अधिग्रहण हो रहा हैं और किसान विरोध कर रहें ! एआईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को छलने का काम कर रहीं है! उचित मुआवजा व पुनर्वास की व्यवस्था उनकी उचित मांग हैं ! विकास चाहिए लेकिन कीमती जमीन का अधिग्रहण करने की शर्तों पर नहीं ! जमीन इनकी मां और बच्चों की भविष्य हैं ! इसलिए अधिग्रहण करते समय इसका ध्यान दिया जाए !