DM Chandra Mohan Garg की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में विधानसभा निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम को संपन्न कराने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
- विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण का उद्देश्य सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शत-प्रतिशत हों सम्मिलित
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट /ब्यूरो चीफ दिवाकर राय चंदौली |
जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में विधानसभा निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम को संपन्न कराने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। उप जिलाधिकारी पीडीडीयू नगर/डीएलएमटी (डिस्ट्रिक्ट लेवल मास्टर ट्रेनर) अनुपम मिश्रा के द्वारा बीएलओ, सुपरवाइजर और सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।
भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के अनुक्रम में बीएलओ, सुपरवाइजर से सहयोग की अपेक्षा की और उन्हें कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दिया गया। भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) के द्वितीय चरण में देश के 12 राज्यों में विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण कराने का निर्णय लिया है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश भी शामिल है। यह पुनरीक्षण आयोग द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों और समय-सारणी के अनुसार आयोजित किया जायेगा। इस विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हों।
जनपद में मतदाता सूची को शुद्ध व समावेशी बनाने के लिए विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण (SIR) का कार्य 28 अक्टूबर, 2025 दिन मंगलवार से शुरू हो गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार सर्वप्रथम 28 अक्टूबर से 03 नवम्बर, 2025 तक विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण (SIR) से संबंधित तैयारी, प्रशिक्षण एवं गणना प्रपत्रों का मुद्रण किया जायेगा।
04 नवम्बर से 04 दिसम्बर 2025 तक बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्रों का मतदाताओं को वितरण किया जायेगा एवं प्रपत्रों को भरवाकर प्राप्त किया जायेगा। 09 दिसम्बर, 2025 को आलेख्य मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। दावे और आपत्तियां दाखिल किये जाने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 से 08 जनवरी, 2026 तक होगी। नोटिस जारी किये जाने, सुनवाई एवं सत्यापन व दावे और आपत्तियों का निस्तारण एवं गणना प्रपत्रों पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा निर्णय किये जाने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 से 31 जनवरी, 2026 तक होगी। 07 फरवरी, 2026 को अन्तिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
यदि किसी मतदाता जन्म भारत में 01.07.1987 के पूर्व हुआ है और 2003 की मतदाता सूची में नाम दर्ज नही है तो जन्म तिथि या जन्म स्थान को प्रमाणित करने के लिए नीचे दी गई सूची में से कोई दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा। यदि किसी मतदाता का जन्म भारत में 01.07.1987 और 02.12. 2004 के मध्य हुआ है तो अपने जन्म तिथि और जन्म स्थान प्रमाणित करने के लिए नीचे दी गयी सूची में से कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा एवं पिता या माता की जन्म तिथि और जन्म स्थान प्रमाणित करने के लिए नीचे दी गई सूची में से कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा। यदि किसी मतदाता का जन्म भारत में 02.12.2004 के बाद हुआ है तो अपने जन्म तिथि या जन्मस्थान को प्रमाणित करने के लिए नीचे दी गयी सूची में से कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा। पिता एवं माता के जन्म तिथ और जन्म स्थान को प्रमाणित करने के लिए नीचे दी गयी सूची में से कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय/राज्य/सार्वजनिक उपक्रम के नियमित कर्मचारी / पेंशनभोगी को निर्गत कोई पहचान पत्र / पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ), सरकार / स्थानीय प्राधिकरण/बैंक / डाकघर / एलआईसी / सार्वजनिक उपक्रम द्वारा भारत में 01.07.1987 से पूर्व निर्गत किया गया कोई भी पहचान पत्र / प्रमाण पत्र/दस्तावेज, सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मान्यता प्राप्त बोर्ड / विश्वविद्यालयों द्वारा निर्गत मैट्रिकुलेशन / शैक्षणिक प्रमाण पत्र, सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा निर्गत स्थायी निवास प्रमाण पत्र,वन अधिकार प्रमाण-पत्र, सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अथवा कोई जाति प्रमाण पत्र,राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां यह उपलब्ध हो), राज्य / स्थानीय प्राधिकारी द्वारा निर्गत परिवार रजिस्टर की नकल/प्रति, सरकार द्वारा आवंटित भूमि / मकान का प्रमाण पत्र,आधार कार्ड, 01.07.2025 के संदर्भ में बिहार के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण की निर्वाचक नामावली का उद्धरण मान्य दस्तावेज होंगें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व राजेश कुमार, निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी गण, बीएलओ, सुपरवाइजर सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे




