राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी 100 वर्षों की प्रेरणादायक यात्रा पूर्ण कर शताब्दी वर्ष का शुभारंभ कस्बा स्थित माया मंगलम् वाटिका में विजयादशमी उत्सव के रूप में किया।
दीपक रस्तोगी/ चंदौली, धानापुर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी 100 वर्षों की प्रेरणादायक यात्रा पूर्ण कर शताब्दी वर्ष का शुभारंभ कस्बा स्थित माया मंगलम् वाटिका में विजयादशमी उत्सव के रूप में किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर संघ के स्थापना दिवस पर भव्य आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों स्वयंसेवकों के साथ संत-महात्मा, समाज बंधु एवं प्रमुख गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण, शस्त्र पूजन एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुई।
मुख्य अतिथि प्रो. जयप्रकाश झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय रांची के कुलाधिपति व काशी विभाग के विभाग संघचालक ने भगवान राम के चित्र के समक्ष पूजन-अर्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सह जिला कार्यवाह नंदलाल ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि, राम मंदिर का निर्माण संघ के वर्षों के अथक प्रयासों का परिणाम है। संघ वैदिक एवं सनातन संस्कृति का प्रतीक है, जो 'अहिंसा परमो धर्मः' के मार्ग पर चलता है।
मुख्य वक्ता प्रो. जयप्रकाश ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा कि विजयादशमी अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य की, और अन्याय पर न्याय की विजय का पर्व है। संघ ने बीते 100 वर्षों में समाज को संगठित कर एक ध्येय पथ पर आगे बढ़ाया है। आज देश के कोने-कोने में संघ की शाखाएं कार्यरत हैं। उन्होंने कहा, हिंदुत्व समन्वय का विचार है, जिसमें बुद्ध, जैन, सिख सभी का स्थान है। रामराज्य और हिंदू राष्ट्र अलग नहीं, बल्कि एक ही उद्देश्य के दो रूप हैं। संघ राष्ट्रभक्ति, सेवा और अनुशासन के मार्ग पर चलने वाले सेवाभावी हिंदुओं का निर्माण कर रहा है।
इस कार्यक्रम में कई सैयदराजा विधायक सुशील सिंह, ब्लॉक प्रमुख अजय सिंह, प्रधान संघ अध्यक्ष राजेश सिंह, राणा सिंह, सुजीत जायसवाल, रमेश द्विवेदी, शैलेश ,बिपिन रस्तोगी, रमेश यादव बबलू, विष्णु देव शर्मा, प्रमोद सेठ, राहुल रस्तोगी, प्रभु रस्तोगी, रामु रस्तोगी,सहित अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।