सकलडीहा में तीन कमरों में चलेगा मुंसफ कोर्ट, अधिवक्ताओं का सपना हुआ साकार

सकलडीहा में तीन कमरों में चलेगा मुंसफ कोर्ट, अधिवक्ताओं का सपना हुआ साकार

शुक्रवार को जिला जज दिवाकर प्रसाद चतुर्वेदी ने स्थलीय निरीक्षण कर तहसील परिसर में ही मुंसफ कोर्ट हेतु एक साल के लिए तीन कमरे का चुनाव किया।


  • एक अधिकारी के हिला-हवाली रवैये को भाप जिला जज ने 20 मिनट चाभी का इंतजार किया दरवाजे पर बैठकर

चंदौली। जिले के सकलडीहा तहसील (Sakaldiha tehsil में मुंसफ कोर्ट (Munsif Courtको लेकर आए दिन अधिवक्ताओं द्वारा हड़ताल करते रहते हैं को लेकर शुक्रवार को जिला जज दिवाकर प्रसाद चतुर्वेदी (District Judge Diwakar Prasad Chaturvedi ) ने स्थलीय निरीक्षण कर तहसील परिसर में ही एक साल के लिए तीन कमरे का चुनाव किया।


शुक्रवार शाम 4:00 के करीब जिला जज का काफिला उप जिलाधिकारी सकलडीहा Sub-District Magistrate Sakaldiha के साथ तहसील परिसर में प्रवेश किया तब अधिवक्ताओं में हर्ष व्याप्त हो गया। सकलडीहा उप जिलाधिकारी कुंदन राज कपूर ने जिला जज का स्वागत करते हुए तहसील के बिल्डिंग का निरीक्षण करवाया और उन्होंने कहा कि आपको जो रूम चाहिए आप खुद देख लीजिए। यह चर्चा रहा कि जहां एक तरफ एसडीएम का व्यवहार सकारात्मक रहा तो वहीं एक अधिकारी किसी भी सूरत में तहसील बिल्डिंग में मुंसफी कोर्ट चलने के लिए राजी नहीं थे। 



उदाहरण के तौर पर तहसील में सारे कमरे बंद थे और चाबी मंगा कर ताला खोला जाता था, फिर कमरा देखकर जिला जज बाहर निकल जाते थे अंततः  बिल्डिंग में दूसरे तल पर तीन कमरे को जिला जज ने चयन किया। इस कमरे का चयन करने में करीब 20 मिनट का समय बीतता रहा। 



यहां स्थिति यह रही कि जिला जज को दरवाजे पर बैठकर ताला खुलने का इंतजार करना पड़ा। एक अधिकारी के लाख आनाकानी करने के बावजूद भी जिला जज नहीं माने, निश्चित इरादे को देखकर तहसीलदार और एसडीएम को कमरों का चयन कराना पड़ा। कमरा चयन के बाद उन्होंने अधिवक्ताओं से कहा कि आप लोग हड़ताल करना छोड़ दीजिए और मुख्य धारा से जुड़िए और कानून का साथ दीजिए तभी आप लोगों का काम चलेगा स्थिति को भापते हुए एसडीएम सकलडीहा ने जिला जज के सामने अधिवक्ताओं से हामी भरवा ली कि मैं बिल्डिंग दे रहा हूं लेकिन जब तक मैं यहां रहूंगा तब तक आप लोग हड़ताल नहीं करेंगे, इसे अधिवक्ताओं ने सहर्ष स्वीकार किया।