लखनऊ। यूपी के तीन ग्रामीण बैंकों को मिलाकर एक में विलय कर दिया गया है। जिसका नाम रखा गया है ग्रामीण बड़ौदा बैंक। जिन तीन बैंकों को मिलाया गया है उनमें पूर्वांचल बैंक, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक व बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक है। इनके विलय के बाद बुधवार को बड़ौदा यूपी बैंक अस्तित्व में आ गया। इन सभी बैंकों की मिलाकर नए बैंक के पास कुल 1983 शाखाएं होगी। इसी के साथ गोरखपुर के ग्रामीण बैंक 'पूर्वांचल बैंक' का अस्तिव खत्म हो गया। नए बैंक का मुख्यालय गोरखपुर में तारामंडल स्थित पूर्वांचल बैंक के प्रधान कार्यालय को बनाया गया है। नए बैंक के नवागत चेयरमैन डीपी गुप्ता बुधवार को अपना कार्यभार संभाल लेंगे। जानकारी के मुताबिक क्रमश: तीनों बैंकों की पूंजी 765 करोड़, 609 करोड़ व 1323 करोड़ रुपये है। इस तरह यह नया बैंक कुल 2697 करोड़ की पूंजी से अपना सफर शुरू करेगा। नवागत चेयरमैन को चार्ज देकर वर्तमान चेयरमैन डॉ. एके सिन्हा भारतीय स्टेट बैंक के मुख्यालय, मुंबई जाकर अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। वह स्टेट बैंक के महाप्रबंधक हैं।
पूर्वांचल बैंक का इतिहास
गोरखपुर में ग्रामीण बैंक की स्थापना 1975 में गोरखपुर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के रूप में हुई थी। 2005 में इसमें बस्ती ग्रामीण बैंक के विलय के बाद इसका नाम पूर्वांचल ग्रामीण बैंक हो गया। एक अप्रैल 2013 को इस बैंक में इटावा व बलिया के ग्रामीण बैंकों का विलय होने के बाद इस नया नाम 'पूर्वांचल बैंक' हुआ था।
नया बड़ौदा ग्रामीण बैंक
गोरखपुर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, अमेठी, औरैया, आजमगढ़, बलिया, बरेली, बस्ती, भदोही, चंदौली, देवरिया, इटावा, फैजाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, जौनपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशाम्बी, कुशीनगर, महराजगंज, मऊ, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, संत कबीर नगर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थ नगर, सुल्तानपुर व वाराणसी समेत कुल 31जनपदों में कार्य करेगा। अधिकारियों का कहना है कि
बुधवार से नया बैंक अस्तित्व में आने के बाद ग्राहकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। तीनों बैंकों के पुराने पासबुक, चेकबुक व एटीएम काम करते रहेंगे। खातों के नए नंबर जारी हो सकते हैं। जिसकी सूचना ग्राहकों को दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक इन बैंकों की कुल जमा पूंजी 2697 करोड़ रुपये है। पूर्वांचल बैंक की 600, काशी- गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक की 459 व बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक की 924 शाखाएं थीं।