Covid-19: पत्रकार परिवारों के सामने भुखमरी के हालात,पीएम मोदी को लिखा पत्र

Covid-19: पत्रकार परिवारों के सामने भुखमरी के हालात,पीएम मोदी को लिखा पत्र

नई दिल्ली/लखनऊ। देश में पत्रकारों के चार शीर्ष राष्ट्रीय संगठन प्रेस एसोसिएशन, इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन, नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया और वर्किंग न्यूज कैमरामैन एसोसिएशन ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान राजधानी दिल्ली अौर अन्य राज्यों में प्रिंट, इलेक्ट्रानिक, वेब और अन्य मीडिया संस्थानों में श्रम कानूनों का उल्लंघन करते हुए बड़े स्तर पर छंटनी और वेतन में की जा रही कटौती की तरफ ध्यान दिलाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
न्यूज एजेंसी यूनीवार्ता के हवाले से यह खबर है कि इन
चारों संगठनों ने अपने पत्र में कहा है कि मीडिया संस्थानों में सरकार, कारपोरेट घराने और औद्योगिक संस्थानों द्वारा विज्ञापन मद में कटौती के नाम पर बड़ी संख्या में पत्रकारों को नौकरी से हटाया जा रहा है, उन्हें बिना वेतन अवकाश और अध्ययन अवकाश पर जाने का कहा गया है। कई मीडिया संस्थान कानूनों को ताक पर रखते हुए वेतन में कटौती कर रहे हैं। यह सब प्रधानमंत्री की सभी प्रबंधनों से कर्मचारियों को नौकरी से न निकालने और वेतन देने की अपील के बावजूद किया जा रहा है। इससे पत्रकारों के परिवारों के सामने भुखमरी के हालात पैदा हो गये हैं।

संगठनों ने कहा, “हैरानी की बात है कि एक तरफ मीडिया संस्थान संकट से उबरने के लिए सरकार से मदद मांग रहे हैं और दूसरी तरफ कर्मचारियों को निकाल रहे हैं। पत्रकारों के प्रतिनिधि और श्रमजीवी पत्रकारों की यूनियन/एसोसिएशन के संगठनों के नाते हमने भी इस संकटकाल में मीडिया संस्थानों की मदद के लिए सरकार से अपील की है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पत्रकारों के अपने-अपने मीडिया संस्थानों की पूरी तरह से मदद करने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।”

उन्होंने कहा, “ सभी पत्रकारों ने अत्यंत घातक महामारी कोरोना के प्रकोप से बचाने के लिए महत्वपूर्ण सूचनाएं जनता तक पहुंचाई हैं। सभी पत्रकार समाचारों, फोटो और वीडियो के माध्यम से जनता की भावनाएं सरकार तक पहुंचाते रहे हैं। सूचनाओं के आधार पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महामारी को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है। खतरा उठाते हुए पत्रकारों ने सरकार, पुलिस, स्वास्थ्य कर्मचारियों और आम जनता की मदद की है। अपने काम के दौरान कई स्थानों पर मीडियाकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित भी हुए हैं।”

संगठनों ने कहा,“महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए पत्रकारों ने भी अन्य कोरोना योद्धाओं की तरह भूमिका निभाई है। सूचनाओं को पहुंचाने वाले ऐसे पत्रकारों का पुरस्कार के बजाय तिरस्कार किया जा रहा है। इस दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पत्रकारों को महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए। मंत्रालय ने इस दौरान हॉटस्पॉट पर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों को मीडिया संस्थानों की तरफ से सुरक्षा उपकरण देने की सलाह दी थी। इसके लिए हम सब मंत्रालय के आभारी हैं।”

उन्होंने कहा, “ हमारा मंत्रालय से अनुरोध है कि मीडिया संस्थानों की गतिविधियों पर पूरी सावधानी से नजर रखते हुए श्रमजीवी पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाये। हमारा केंद्र और राज्य सरकारों से अनुरोध है कि कोरोना महामारी से सबंधित मामलों की रिपोर्टिंग करने वाले सभी मीडियाकर्मियों को मॉस्क और सेनेटाइजर भी उपलब्ध कराए जाएं। जो मीडियाकर्मी अस्पताल, क्वारंटाइन सेंटर और महामारी प्रभावित क्षेत्र में काम कर रहे हैं उन्हें पीपीई किट उपलब्ध कराई जाए। ”

चारों संगठनों ने अपने पत्र में कहा, “ हमारा आपसे अनुरोध है कि आपके द्वारा घोषित कोरोना योद्धाओं को दिए जाने वाले बीमा कवरेज को पत्रकारों के लिए भी लागू किया जाए। हमारा आपसे अनुरोध है कि इस संकटकाल में जूझ रहे मीडियाकर्मियों को जीवनयापन के संकट से बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का कष्ट करें। हमें आशा है कि आप हमारे अनुरोध पर अवश्य ध्यान देंगे। ”