हाय रे! लोकतंत्र: पंचायत समिति सदस्य का महत्व नहीं समझ पाते हैं चुने हुए प्रतिनिधि, न उनके पास कोई काम और न ही कोई प्लान है

हाय रे! लोकतंत्र: पंचायत समिति सदस्य का महत्व नहीं समझ पाते हैं चुने हुए प्रतिनिधि, न उनके पास कोई काम और न ही कोई प्लान है




दुर्गावती, रिपोर्ट- संजय मल्होत्रा: क्षेत्र में ग्रामीण जनता विकास की आस लगाए बैठी हुई है कि हम लोग जिसे वोट देकर स्थानीय प्रतिनिधि को जिताया है. वह तो क्षेत्र का विकास के लिए हर संभव प्रयास करेगा.
लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है.  पंचायत समिति के सदस्यों को गांव के लोग भी महत्व नहीं देते हैं. 
सभी पंचायत समिति सदस्य ग्रामीण जनता के वोट से  चुनाव जीतने के बाद , वोट देकर प्रखंड प्रमुख बनाते हैं ताकि हमारे पंचायत समिति सदस्य के द्वारा लोगों का विकास किया जाएगा.
लेकिन ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. सरकार की तरफ से कई तरह के विकास योजनाएं चलाया जाता है.
जिसकी सूचना बीडीसी लोगों को नहीं दी जाती है. और ना ही कोई अधिकारी सूचित करता है. सरकार की चलाई गई जो भी योजना प्रखंड से पारित होती है.तो पंचायत समिति के सदस्यों को विकास कार्य योजना के विषय में कोई जानकारी नहीं दिया जाता है.
और अधिकारीभी जानकारी देना उचित नहीं समझते हैं. 

         क्या कहते हैं ये जनप्रतिनिधि ?
पंचायत समिति के सदस्य खजुरा पंचायत के बीडीसी नागेंद्र गुप्ता , मसौढा पंचायत के  बी डी सी नंदलाल गुप्ता, चहरिया पंचायत के मुकेश राम, डुमरी पंचायत के शिव जी रावत , खड़सरा पंचायत के शिव शंकर प्रजापति , खमिदौरा पंचायत के मनीष यादव , छावो पंचायत के प्रमोद कुमार आदि लोगों ने बताया कि देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को लेकर पूरे देश में लाक डाउन तीसरा चरण होने के बाद जिन गरीब मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है. उन्हें कोटेदार के द्वारा राशन मुहैया आज तक नहीं कराया गया है. जिसे लेकर पंचायत समिति सदस्यों को स्थानीय ग्रामीण जनता बार-बार प्सवाल पूछ रही है. राशन कार्ड बनाने का भी दबाव ग्रामीणों के द्वारा दिया जा रहा है जबकि राशन कार्ड बनाने का दिशानिर्देश सरकार के द्वारा जीविका दीदी लोगों को सौंपा गया है. उसके बावजूद भी कुछ ग्रामीण इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं.कुछ गरीब लोगों को दाने के लाले पड़ गए हैं. सरकार के तरफ से गरीबों के उत्थान के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही है. जिसकी जानकारी 
 बीडीसी लोगों को नहीं दिया जाता है. ऐसी योजनाएं की जानकारी नहीं होने के कारण ग्रामीण जनता पंचायत समिति सदस्यों को अनाप-शनाप बोलते रहती है. यह
 जानकारी तो तब होती है. जब दूसरा ग्रामीण व्यक्ति बीडीसी सदस्यों को बताते हैं कि यह योजना के संबंधित पंचायत स्तर का मीटिंग खत्म हो गया.
और दूसरा नया योजना चलाया जा रहा है. 
 प्रखंड विकास पदाधिकारी या स्थानीय मुखिया के द्वारा पंचायतों में मीटिंग कराया जाता है फिर भी किसी समिति सदस्यों को इसकी सूचना नहीं दी जाती है.
 जिससे पंचायत समिति के सदस्यों के दिल में बहुत ही दर्द होता है कि हम लोग इस्तीफा दे दें.
क्योंकि क्षेत्र की जनता वोट देकर प्रतिनिधि बनाई है.
और क्षेत्र की जनता आस लगाए बैठी हुई है कि स्थानीय प्रतिनिधियों के द्वारा पंचायत का विकास कराया जाएगा।
 लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है. तमाम तरह की सरकारी  योजनाएं चलाया जा रहा है। स्थानीय मुखिया को सूचना दिया जाता है.
 लेकिन वही पंचायत समिति के सदस्यों को दरकिनार कर दिया जाता है.
 जिससे पंचायत समिति के सदस्यों में काफी आक्रोश व्याप्त है और 
सरकार को कोस रहे हैं.