इलिया /चन्दौली, रिपोर्ट- जय प्रकाश: उत्तर प्रदेश सरकार जहाँ एक तरफ पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली देने का दावा करती है. वहीं, उनके इस दावे पर कुछ कारणों से पानी फिर गया,और देश की दूसरी बड़ी आबादी के सबसे मुख्य त्योहार ईद पर ही पूरे रात बिजली गायब रही. इस भीषण गर्मी को वजह से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है.
विगत दिवसों में भी प्रत्येक दिन इसी तरह बिजली कटौती होती रहती है, बहुत मुश्किल से मात्र 10 से 12 घण्टे ही बिजली मिल रही है. चन्दौली जनपद में नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का सारी दावा फेल होता दिख रहा है.
देश को आजाद हुए 70 वर्ष पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी भी अधिकांश गांवों में बिजली आपूर्ति की स्थिति दयनीय है।इसका सबसे मुख्य कारण यह है कि जहां बिजली के तार व खम्भे लगे हुए हैं उनकी हालत जर्जर हो चुकी है. कुछ दिन पहले जब शासन द्वारा योजना चलाकर गांव गांव में और आसपास फैले बिजली के तारों को बदलने का कार्य किया जा रहा था तो क्षेत्र वासियों को कुछ उम्मीदें जग गयीं थीं लेकिन यह महत्वकांक्षी योजना भी अधिकारियों के कागजों पर सिमट कर रह गई. क्षेत्र के गांव में जो विद्युत खम्भे खेतों,सड़कों पर होते हुए गांवो में प्रवेश करते हैं वो खम्भे और तार दोनों की हालत जर्जर हो चुकी है जिससे मौसमानुसार जब भी हल्की फुल्की आंधी या तेज हवाओं चलती है तो उन मध्यम या तेज गति की हवाओं को खम्भे उन थपेड़ो को नहीं सह पाते हैं जिस कारण आये दिन बिजली गुल रहती है. बिजली मिलती भी है तो केवल 10 से 12 घण्टे।इस मई के महीनें में कई दिनों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानों आसमान से आग बरस रहा है. वहीं दूसरी तरफ इस तरह बिजली कटौती से ग्रामवासी काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
विद्युत उपकेन्द्र इलिया के लाइन मैन बनारसी पाण्डेय द्वारा बताया गया कि फाल्ट को खोजा जा रहा है. फाल्ट मिल जाने बाद ही आपूर्ति हो पायेगी. आखिर कब तक यह समस्या हल होगी. इन समस्याओं को हल करने व व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए शासन द्वारा भारी भरकम बजट भी दिया जाता है, लेकिन धरातल पर आते आते भारी - भरकम बजट भी बौना साबित होता प्रतीत हो रहा है. क्या इसी आपूर्ति के बल पर हम देश को डिजिटल बनाएंगे, क्या यही है मेक इन इंडिया का रूप?गांव- गांव को ई-गवर्नेन्स और इण्टरनेट से जोड़ा जा रहा है. लेकिन इस बदहाल बिजली के खम्भों व उन पर लगे जर्जर तारों से कैसे डिजिटल इंडिया की संकल्पना पूरी होगी समझ से परे है. अब तो लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.