नई दिल्ली, Purvanchal News Print: आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट घटकर 4.40 फीसदी की जगह 4 फीसदी कर दी है. इसके पहले मार्च में भी रेपो रेट में 75 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की गई थी. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि MPC की बैठक में 6 में से 5 सदस्यों ने ब्याज दरें घटाने के पक्ष में सहमति जताई है. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास इसके पहले भी 27 मार्च और 17 अप्रैल को कोविड-19 से जुड़े एलान कर चुके हैं.
ईएमआई न चुकाने की मोहलत 3 माह और बढ़ गई
आरबीआई ने लोन मोरेटोरियम की अवधि को भी 3 महीने बढ़ाने का एलान किया है. अब लोन पर मोरेटोरियम की अवधि अगस्त तक बढ़ा दिया गया है. यानी आप अपने लोन की ईएमआई को 3 महीने और रोकने का विकल्प ले सकते हैं. पहले यह मार्च से मई तक के लिए था, जो अब मार्च से अगस्त तक के लिए हो गया है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस साल वर्ल्ड ट्रेड के वॉल्यूम में 13-32 फीसदी गिरावट आ सकती है. उन्होंने कहा कि कोविड 19 की वजह से शहरी और ग्रामीण मांग दोनों में कमी आई है. उन्होंने कहा कि मार्च में प्राइवेट कंजम्पशन में कमी आई है और इस दौरान कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के प्रोडक्शन में 33 फीसदी गिरावट देखने को मिल रही है. उन्होंने आगे कहा कि- चालू वित्तीय वर्ष की जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव रह सकता है. आपको बता दें कि दुनिया की बड़ी एजेंसी भी इस बात की घोषण कर चुकी हैं.
महंगाई तेजी से बढ़ने की आशंका
लॉकडाउन की वजह से महंगाई बढ़ने की आशंका है. अनाजों की आपूर्ति एफसीआई से बढ़ानी चाहिए. देश में रबी की फसल अच्छी हुई है. बेहतर मॉनसून और कृषि से काफी उम्मीदे है. मांग और आपूर्ति का अनुपात गड़बड़ाने से देश की अर्थव्यवस्था थमी हुई है. सरकारी प्रयासों और रिजर्व बैंक की तरफ से उठाए गए कदमों का असर भी सितंबर के बाद दिखना शुरू होगा.
आरबीआई द्वारा पहले भी हो चुके हैं ये बड़े एलान
16 अप्रैल को आरबीआई ने टारगेटेड लांग टर्म रेपो आपरेशन (TLTRO) 2.0 की शुरूआत 50 हजार करोड़ रुपये से करने का एलान किया. बैंक TLTRO से मिले फंड का निवेश एनबीएफसी में कर सकेंगे. TLTRO से मिले फंड का 50 फीसदी निवेश मझोले एनबीएफसी में करना होगा.
अप्रैल में आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की, जिसके बाद यह 4 फीसदी से घटकर 3.75 फीसदी रह गया. आरबीआई गवर्नर के अनुसार इससे बैंक ज्यादा लोन दे सकेंगे.
अप्रैल में आरबीआई गवर्नर ने एनपीए नियमों में बैंकों को 90 दिन की राहत दी है. मोरेटोरियम पीरियड में एनपीए को नहीं गिना जाएगा.
शिड्यूल कमर्शियल बैंकों के लिए लिक्विड कवरेज रेश्यो (LCR) 100 फीसदी से घटाकर 80 फीसदी किया गया है.
इकोनॉमी में ग्रोथ के लिए नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपये, सिडबी को 15 हजार करोड़ रुपये और हाउसिंग फाइनेंस बैंक को 10 हजार करोड़ रुपये दिए जाने का एलान.
27 मार्च को आरबीआई ने ब्याज दरों में बड़ी कटौती की थी. रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई और 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी पर आ गया. वहीं सीआरआर में 100 अंकों की कटौती कर इसे 3 फीसदी कर दिया गया. माना जा रहा है कि इन उपायों से सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ की लिक्विडिटी का उपाय होगा.
27 मार्च को केंद्रीय बैंक ने रिटेल लोन की EMI भरने पर भी 3 महीने का मोरेटोरियम लगा दिया. इससे अगर आपका लोन चल रहा है तो उसपर 3 महीने तक ईएमआई टालने का विकल्प मिल गया. यह फैसला सभी कमर्शियल, रूरल, सहकारी बैंकों से लिए गए लोन पर प्रभावी होने की बात कही. हाउंसिंग फाइनेंस कंपनी से लिए गए होम लोन पर भी ईएमआई से 3 महीने की राहत मिली.