Exclusive: सरकार क्या किसानों के लिए कर्ज माफी का बना रही प्लान !

Exclusive: सरकार क्या किसानों के लिए कर्ज माफी का बना रही प्लान !


पूर्वांचल न्यूज प्रिंट                     लखनऊ:

केंद्र सरकार किसानों को एक और बड़ी राहत (farmers relief package) देने की तैयारी कर रही है. जानकारों की बातें सच हैं तो मोदी सरकार (Modi Government) किसानों को बड़े पैमाने पर कर्ज माफी का तोहफा दे सकती है.आने वाले समय में सरकार किसानों के लिए एक लाख करोड़ रुपये तक के कर्ज माफी का ऐलान कर सकती है. यह कर्ज माफी कई चरणों में लागू किया जायेगा.

सरकारी सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार किसानों के लिए पहले चरण में 25,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी की योजना को अमल में लाने के लिए काम कर रही है. यह किसानों के लिए अब तक कि सबसे बड़ी राहत होगी.                                                                              पहले लॉक डाउन अब टिड्डियों का हमला                                               देश का किसान इस समय पहले कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन (Lockdown) से परेशान था, अब पाकिस्तान से आई टिड्डियों (locust Attack) ने देश में बड़े पैमाने पर फसलों को चौपट कर दिया है. इस समय किसानों पर कुदरत की दोतरफा मार पड़ी है. 

लॉकडाउन के चलते फल-सब्जियों की मांग बहुत कम हो गई है, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ा है. थोक बाजार में कृषि उत्पादों के दाम 30-40 फीसदी गिर गए हैं. प्याज और टमाटर उत्पादक किसानों का तो हाल ही बुरा है.                        थोक मंडी में प्याज 500 रुपये क्विंटल के आसपास चल रही है, जिससे किसानों की लागत तक नहीं निकल पा रही है. यही हाल टमाटर का है.देश की राजधानी दिल्ली के फुटकर बाजारों में टमाटर 10-15 रुपये किलो में बिक रहा है.
इन हालात को देखते हुए केंद्र सरकार किसानों के हक में कर्ज माफी का फैसला लेने की मजबूरी बनती दिखती है.  
                                                               2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना           केंद्र सरकार शुरू से ही किसानों पर फोकस करती रही है. यह उसका वादा रहा है कि 2022 तक किसानों की आमदनी बढ़ाकर दोगुना कर देगी. ऐसी टारगेट पर लगातार काम किया जा रहा है.
पिछले दिनों आत्मनिर्भर भारत अभियान (Aatmanirbhar Bharat Package) के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. इस पैकेज में भी एक बड़ा हिस्सा किसान, खेती और उससे जुड़े काम-धंधों के लिए था. इस पैकेज में किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त इमर्जेन्सी वर्किंग कैपिटल फंडिंग की व्यवस्था की गई थी.