चन्दौली/ वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय बीएचयू आयुर्वेद विभाग द्वारा चंदौली जनपद को गोद लेकर इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए प्रत्येक गांव में गिलोय का पौधा किसानों में मुफ्त वितरित किया जा रहा है. बुधवार को क्षेत्र के खरदीपुर गांव सहित दो दर्जन गांवों में गिलोय का पौधा वितरित किया जा चुका है. साथ ही इसके प्रति लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
यह जानकारी आयुर्वेद विभाग के जिला समन्वयक यशवंत सिंह यादव ने देते हुए बताया कि गिलोय को गुरूच्ची, अमृता भी कहते हैं. गिलोय का प्रतिदिन सेवन करने पर इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. गिलोय के ताजे पत्ते तना एवं जड़ का जूस बनाकर इस्तेमाल किया जाता है. इसे गमले व वृक्ष के सहारे लगाया जाता है. नीम के पेड़ के पास लगाना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. गिलोय का सत्व व काढ़ा बनाकर पीने से इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है. इसमें कैल्शियम प्रोटीन एवं फास्फोरस के अलावा बहुत से फाइटोकेमिकल जैसे ग्लोइंग, नामक ,कड़वा, ग्लूकोसाइड ,वसा, बरबेरिंग, एलके, लाइड मिलते हैं. जो एंटीऑक्सीडेंट एवं इम्यूनिटी बढ़ाने वाली कोशिकाओ का संवर्धन करता है. एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण यह मोटापा हृदय रोग मधुमेह से संबंधित रोग जैसे नेत्र विकार चर्म या त्वचा रोग आज छाया न्यूरोलॉजिकल संबंधित समस्याओं रक्त की कमी इत्यादि रोगों को ठीक करने में अन्य औषधियों के साथ सहायक सिद्ध होती है. जुलाई के महीनों में किसानों की आय बढ़ाने के लिए आयुर्वेद विभाग जिले में पड़े अन उपजायु भूमि, रोड के किनारे व किसानों के मेड़ों पर मेडिसिनल खेती की जा सकती है.