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बुधवार की रात यूपी-बिहार के बॉर्डर पर कर्मनाशा नदी पर बनें स्टील ब्रिज में लगाए गए लोहे का 129 प्लेट का टांका टूटने से एक बड़ा हादसा होने से बच गया, क्यूंकि समय रहते एनएचआई विभाग ने कंस्ट्रक्शन कंपनी की मदद से रात्रि में ही लोहे के 129 प्लेटों के टांके को ज्वाइंट कर दिया.
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कर्मनाशा नदी के स्टील ब्रिज का टूट टांका फोटो:pnp |
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दुर्गावती/ कैमूर (Bihar): नेशनल हाईवे फोरलेन पर यूपी-बिहार सीमा कर्मनाशा बॉर्डर पर कर्मनाशा नदी के ऊपर कंक्रीट के ब्रिज टूट बनाया गया. छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए एनएचएआई विभाग ने अस्थाई डायवर्शन किया.
फिर स्टील ब्रिज करीब दस करोड़ की लागत से तैयार किया है. लेकिन बुधवार की रात स्टील ब्रिज में लगाए गए लोहे का 129 प्लेट का टांका टूट गया.
ऐसी स्थिति में समय रहते एनएचआई विभाग ने कंट्रक्शन कंपनी की मदद से रात्रि में ही लोहे के 129 प्लेट में टांके को ज्वाइंट किया गया, इसके बाद आवागमन सुचारु रुप से शुरू कराया गया.
हालांकि, पुल की सुरक्षा के मद्देनजर ब्रिज से सटे जैक लगाया गया है. ताकि एक-एक कर गाड़ियों को यूपी-बिहार में प्रवेश कराया जा सके.
कंट्रक्शन कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि स्टील ब्रिज के रास्ते से गाड़ियों की आवाजाही जारी है, लेकिन ब्रिज पर वाहनों का स्पीड थोड़ा अधिक नहीं होने की वजह से सड़क पर जाम लग जा रहा है.
लिहाजा, इस पुल की सुरक्षा के लिए इससे पहले जैक लगाया गया था ताकि एक-एक कर गाड़ियां पुल के रास्ते सीमा में प्रवेश करें. उसमें भी वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया गया है काफी धीमी रफ्तार से ही गाड़ियां गुजरेगी.
यही नहीं ब्रिज पर एनएचआई ने अपने कर्मियों को लगा दिया है.और बिहार से ब्रिज के रास्ते यूपी की तरफ जाने वाले वाहनों को छोड़ा जा रहा है.
वाहनों की रफ्तार पर भी ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि रफ्तार अधिक होगी तो वेल्डिंग टूटन तय है. जिससे पुल को काफी नुकसान हो सकता है.
हालांकि पुल की सुरक्षा पर बराबर नजर एनएचआई विभाग की टीम ने रख रही है. और इस पुल की क्षमता को भी ध्यान में रखा गया है.
बहरहाल, गुरुवार की सुबह से ही इस बीच के रास्ते एक एक गाड़ियां काफी धीमी रफ्तार से गुजर रही है.
यहां बता दें कि यूपी बिहार से आने वाली गाड़ियां पुरानी जीटी रोड पुल से होकर गुजर रही है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार से यूपी में जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों को स्टील ब्रिज के रास्ते से निकाला जा रहा है.
यही नहीं क्षतिग्रस्त कंक्रीट ब्रिज की मरम्मत का भी काम शुरू कर दिया गया है. दरअसल बरसात की वजह से कर्मनाशा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और स्वाभाविक है कि नदी का पानी बढ़ेगा तो पुल पर दबाव भी बनेगा.
यदि पुल में किसी तरह की खराबी आती है तो एक बार फिर देश की लाइफ लाइन यानी नेशनल हाईवे फोरलेन पर आवाजाही ठप हो जाएगा. लेकिन एनएचएआई विभाग काफी सतर्कता बरत रहा है.
रिपोर्ट:संजय मल्होत्र