●Purvanchal News In Hindi
●युवा मंच ने आनलाईन मीटिंग में प्रस्ताव लेकर पुलिस दमन की निंदा की और मुख्यमंत्री से एफआईआर रद्द करने की मांग उठाई
पूर्वांचल/ प्रयागराज: रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने को लेकर पांच सितंबर को हुए देशव्यापी आंदोलन में युवा मंच के 25 कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने पर युवाओं में भारी रोष है.
आंदोलन के दमन की इस कार्यवाही का चौतरफा विरोध हो रहा है. आईपीएफ के राष्ट्रीय नेता अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने बयान जारी कर प्रशासन की इस कार्यवाही की कड़ी निंदा की है
उन्होंने रोजगार के सवाल पर राष्ट्रीय पहल लेने के लिए युवा मंच के साथियों को बधाई दी है और इलाहाबाद में युवा मंच के कार्यकताओं पर पुलिस कार्यवाही की कड़ी निंदा की है.
उन्होंने कहा है कि सरकार को रोजगार के सवाल को मौलिक अधिकार बनाने की युवाओं की मांग पर कार्यवाही करनी चाहिए, न की युवाओं का दमन.
इविवि छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह ने भी युवाओं पर मुकदमा दर्ज कर उत्पीड़न की कार्यवाही की तीखी भर्त्सना करते हुए कहा कि रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने के लिए राष्ट्रीय आंदोलन वक्त की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों से रोजगार का संकट और गहराता जा रहा है. पांच सितंबर के आंदोलन में शामिल युवा मंच के 25 कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की आज मीडिया से जानकारी मिलने के बाद बुलाई गई वर्चुअल मीटिंग में प्रस्ताव लेकर प्रशासन की उत्पीड़न की इस कार्यवाही की तीखी निंदा की गई और मुख्यमंत्री से मांग की गई कि तत्काल मुकदमा वापस लिया जाये.
प्रस्ताव में यह भी मांग की गई कि आगामी मानसून सत्र में रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने का विधेयक पेश किया जाये.
इसी सत्र में देश भर में 24 लाख से ज्यादा खाली पदों को भरने के लिए कानूनी प्रावधान किया जाये. युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने बताया कि रोजगार के सवाल पर अभियान के लिये जल्द ही वर्चुअल मीटिंग बुलाई जायेगी.