●Chandauli News In Hindi
चन्दौली: जनपद में प्राथमिक विद्यालयों में रंगाई- पुताई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. उसके लिए आवंटित धन किन-किन विद्यालय के हेड मास्टरों ने गटक लिया है, इसकी पोल खुलने लगी है. विद्यालय के दीवारों की बदरंग तस्वीर लापरवाही को साफ दर्शा रही है.
आईपीएफ नेता व मजदूर किसान मंच के प्रदेश प्रभारी अजय राय कहते हैं कि जब चकिया में भभौंरा सहित कई विद्यालय में काम हुआ है और उनकी दीवारें चमक रही हैं तब अधिकांश कम्पोजिट ग्रांट से विद्यालयों का अनुरक्षण और रंग रोगन कार्य क्यों नहीं कराया गया. जबकि लॉकडाउन में निदेशक बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए थे.
" नौगढ़ प्राथमिक विद्यालय 95 उच्च विद्यालय 45 और चकिया विकास खंड में प्राथमिक विद्यालय 88, जूनियर प्राथमिक विद्यालय 18 और संयुक्त विद्यालय 35 हैं."
श्री राय सीधा आरोप लगाते हैं कि शासन द्वारा भेजे गए एसएमसी खाते में उपलब्ध कराई गई धनराशि विद्यालय के हेडमास्टरों ने हजम कर लिया है. अजीब हाल है की चकिया ,नौगढ़ व शहाबगंज सहित तमाम क्षेत्रों के विद्यालयों के भवन काफी बदरंग दिख रहे हैं.
जनपद में स्थिति तो यह है कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद भी शिक्षा विभाग लापरवाही व घोटाला करने से बाज नहीं आ रहा है.
क्या कहते हैं एबीएसए चकिया: चन्द्र शेखर आजाद का कहना है कि कंपोजिट ग्रांट में आया के धन कई काम के लिए था, रंग रोगन प्राथमिकता नहीं थी. कल सभी विद्यालयों को निर्देश देंगे कि तत्काल सफाई पुताई पर काम शुरू करें.
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की मानें तो कम्पोजिट ग्रांट में सभी विद्यालयों को पैसा भेजा जा चुका है. यह धनराशि खाते से कई हेड मास्टर निकाल भी चुके हैं. ऐसे में उन्हें विद्यालयों के हेड मास्टरों को रंग रोगन पर ध्यान देना चाहिए. शिक्षा निदेशक लखनऊ ने कोरोना काल में ही साफ सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दे चुके थे.
अब सवाल यह उठता है कि आला अफसरों के निर्देश के बाद भी हेड मास्टरों ने विद्यालय की सफाई क्यों नहीं कराई. आखिर चकिया, नौगढ़ व शहाबगंज में किसके इशारे पर इस राशि का बंदरबांट हुआ है अथवा इतनी बड़ी लापरवाही बरती गई है, इसकी जांच जरूरी है.
source :रविन्द्र यादव