Hindi Samachar-चन्दौली
किसानों का आंदोलन सिर्फ कृषि कानूनों के खिलाफ ही नहीं, वरन लोकतंत्र, संविधान और देश बचाने के साथ-साथ अस्तित्व को लेकर भी संघर्ष है।
हाईलाइट्स:
● गाँव-गाँव में कृषि काले कानून के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान व किसान चौपाल लगाने का निर्णय
● अब सवाल उठने लगा है कि जब अनाज उपजाने वाला ही नहीं बचेगा तो देश कैसे बचेगा!
● किसानों की एकता को जगाना और राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें वर्गीय हित के लिए संगठित करना निहायत जरूरी
सकलडीहा / चन्दौली। किसानों का आंदोलन सिर्फ कृषि कानूनों के खिलाफ ही नहीं, वरन लोकतंत्र, संविधान और देश बचाने के साथ-साथ अस्तित्व को लेकर भी संघर्ष है।
उक्त बातें सकलडीहा में एआईपीएफ व मजदूर किसान मंच के बैठक में बोलते हुए एआईपीएफ के राज्य समिति सदस्य अजय राय ने कही।
उन्होंने कहा कि तीनों कृषि काले कानून के खिलाफ गाँव गाँव में हस्ताक्षर अभियान चलाने व किसान चौपाल लगाकर मोदी सरकार द्वारा किसानों को अपमानित करने के लिए परजीवी जैसे शब्द कहने की बात किसानों के बीच रखना होगा।
बैठक में युवा मंच के प्रभारी आलोक राजभर ने आरोप लगाया कि आपदा की घड़ी में मोदी सरकार ने देश के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को पूंजीपतियों के हाथों बेचना शुरू कर दिया है।
यह हद तो तब हो गई जब रेल, एयरपोर्ट, अस्पताल आदि का निजीकरण करने के बाद खेती-किसानी को भी मोदी सरकार ने अंबानी-अडानी जैसे कॉरपोरेट घरानों को बेचने का मन बना लिया है।
यही वजह है कि जैसे-तैसे संसद से नया कृषि कानून पारित करवा दिया गया, जिसके खिलाफ देश के किसान जीने-मरने की हद तक आंदोलन पर पहुंच चुके हैं। अब सवाल उठने लगा है कि जब अनाज उपजाने वाला ही नहीं बचेगा तो देश कैसे बचेगा
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि किसान वर्ग राजनीति के केंद्र से विस्थापित है, जबकि किसान समस्या ही भारतीय राजनीति का केंद्र बिंदु है।
किसानों की दशा तब तक नहीं सुधर सकती है जब तक कि किसान वर्ग का राजसत्ता में दखल न नहीं होगा।
इस दखल के लिए किसानों की एकता को जगाना और राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें वर्गीय हित के लिए संगठित करना निहायत जरूरी है। गरीब, किसान मजदूर के उत्थान एवं उनके चतुर्दिक विकास के लिए सभी किसान संगठनों को एकजुट करना जरूरी है।
देश में किसान आयोग का गठन किया जाए। 65 वर्ष से अधिक आयु के किसान, मजदूर को ₹5000 मासिक पेंशन दी जाए। किसान के उत्पादन का लाभकारी मूल्य स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश को कानूनी जामा पहना कर मंजूर किया जाए।
सरकारी समर्थन मूल्य को प्रदान करने की बाध्यता अनिवार्य हो प्रत्येक ब्लॉक में एक किसान मंडी का निर्माण किया जाए, जिसमें भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य संरक्षण, शीतगृह, कृषि यंत्र, खाद एवं बीज की उपलब्धता हो।फसल एवं दुर्घटना बीमा को सरल एवं व्यवहारिक बनाया जाए।
बैठक की अध्यक्षता मजदूर किसान मंच के जिला सह संयोजक डाक्टर रामकुमार राय ने किया। बैठक में सुनील राजभर, रामकेश राय, कमलेश राजभर, हरिओम, सबसे राम, श्याम बिहारी राम, रामजी राजभर सहित अन्य कार्यकता शामिल रहे।