कैमूर: 'यास' चक्रवाती तूफान से फसलों पर संकट की बारिश शुरू, खतरनाक स्थिति का अनुमान

कैमूर: 'यास' चक्रवाती तूफान से फसलों पर संकट की बारिश शुरू, खतरनाक स्थिति का अनुमान

सार

बिहार राज्य के कैमूर जनपद के दुर्गावती व आसपास क्षेत्रों में बुधवार की देर शाम से ही बारिश का सिलसिला जारी है। यहां चक्रवाती तूफान की चर्चा काफी तेज हो गई है।


विस्तार

दुर्गावती (कैमूर)। बिहार राज्य के कैमूर जनपद के दुर्गावती व आसपास क्षेत्रों में बुधवार की देर शाम से ही बारिश का सिलसिला जारी है। यहां चक्रवाती तूफान की चर्चा काफी तेज हो गई है।

 जिसका नतीजा है कि बिजली विभाग अलर्ट मोड में है और 24 घंटे से बिजली आपूर्ति बाधित है।

 बता दें कि यास तूफान बुधवार की रात 12:00 बजे झारखंड में प्रवेश कर गया है और कैमूर जिला के रास्ते बिहार में प्रवेश करने की आशंका जताई जा रही है जिससे वज्रपात आंधी तूफान की संभावना बनी हुई है।

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 मिली जानकारी के अनुसार यास चक्रवाती तूफान को लेकर मौसम विभाग ने बिहार के 38 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है यास तूफान का बिहार में व्यापक असर 26 मई की शाम से 30 मई तक देखने को मिलेगा ।

 चक्रवाती तूफान का असर बिहार में अभी से ही भारी बारिश होने से आशंका जताई जा रही है अगर मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंचा तो भारी नुकसान होने का खतरा बढ़ सकता है।

 जहां सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है। 

वहीं बिहार में अधिकांश स्थानों पर गरज के साथ माध्यम बारिश तो कहीं तेज बारिश अकाशी बिजली की चमक के साथ बारिश हो रही है।

बताते चलें कि कुछ सप्ताह पूर्व तैवकेत तूफान से किसान उबर ही नहीं पाए कि यास तूफान ने भी कहर ढाना शुरू कर दिया है पूर्व सप्ताह में आए हुए तूफान से किसानों के खेत में लगे हुए सब्जी उड़द मूंग की फसल पूरी तरह से पानी में डूब चुकी थी । और थोड़ा धूप निकला डूबी हुई फसल पीलापन पड़ गया था। 

वहीं दूसरी ओर मौसम रुख बदल ही रह रहा था कि यास तूफान ने फिर कहर किसानों पर ढाना शुरू कर दिया है किसानों के खेतों में लगे सब्जी की फसल गरमा उड़द और मूंग की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो रही है जिसके कारण अब किसानों के थाली में न सब्जी रहेगी और ना ही उड़द की दाल और ना ही धोई से बने फुलवरे मिलने की आस है।

 तेज बारिश और हवा ने पहले तूफान में ही कितने आम के पेड़ों को भारी क्षति पहुंचा चुका है बची कुची किसानों की उम्मीद यास तूफान में लगता है समाप्त हो जाएगी। फिलहाल बारिश का सिलसिला जारी है।

संवाद सहयोगी:  संजय मल्होत्रा