खतौनी फसली 1420 से 1425 के खाता संख्या 114 पर श्रेणी 1क सं० पर दर्ज खातेदारों पार्वती, लाची और कलावती के नाम दर्ज करने वाले कर्मचारियों और जो लोग बेचें हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो।
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अतिक्रमण हटाते ज्वाइंट मजिस्ट्रेट चकिया, फोटो-pnp |
चंदौली/ चकिया । इस जमीन के आंकड़ों के रिकार्ड को सच मानें तो वर्तमान खतौनी 1426 -1431 फसली के खाता स० 127 अ० न०547 व 545 पर ताल व बांध दर्ज हैं तो तब तो 28 लोगों को बेचने वाली पार्वती, लाची और कलावती के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और खरीदने वाले का पैसा बेचने वाले से दिलाने में प्रशासन पहल करे।
उक्त बातें आज ताल बंधे सहित कई अतिक्रमण को मुक्त कराने के अभियान चला रहें ज्वाइंट मजिस्ट्रेट / उपजिलाधिकारी के पहल का स्वागत करते हुए आईपीएफ के राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने प्रशासन से समक्ष उठाया।
इनका कहना है कि वार्ड नम्बर 5, 1347 फ० बंदोबस्त के जमन 12 जलमग्न भूमि ताल के नाम से खाता संख्या 183 गाटा संख्या 547 रकबा 1.391 हे ० व खाता संख्या 190 आ ० न ० 545 रकबा 0.986 हे ० बाँध अंकित है, तथा खतौनी फसली 1420 से 1425 के खाता संख्या 114 पर श्रेणी 1 क सं ० भू ० दर्ज खातेदारों पार्वती, लाची, कलावती के नाम दर्ज था, इन्हीं लोगों द्वारा अन्य व्यक्तियो को बतौर बैनामा 26 को बेचा गया, जिसके बाबत न्यायालय SDM चकिया के वाद संख्या t201314182186 फैसला तिथि 6.4.2018 द्वारा उपरोक्त आ ० नम्बरान सं ० भू ० से खारिज करके ताल व बाँध दर्ज किया गया जो वर्तमान खतौनी 1426-1431 फसली के खाता स ०-127 आ ० न ०-547 व 545/2 पर ताल व बाँध के रूप मे दर्ज है। जिस पर लगभग 28 लोग काबिज हैं।
खरीदार जमीन की स्थिति से अनजान थे, बारह साला की रिपोर्ट के अनुसार जमीन की जो स्थिति व जिनका नाम दर्ज था उनसे उन्होंने जमीन को खरीद लिया, जो सरकारी जमीन है। इस सरकारी जमीन को बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही जिस पर से कब्जा हटाया जा रहा है, उनका पैसा वापस दिलाया जाए।