उपवास के साथ महिला गुरुवार को करेंगी हरतालिका व्रत

उपवास के साथ महिला गुरुवार को करेंगी हरतालिका व्रत

 उपवास रख महिला करेंगी गुरुवार को हरतालिका तीज व्रत। इस व्रत में पति व पुत्र की लंबी उम्र की कामनाएं की जाती हैं।


हरितालिका व्रत करती महिलाएं, फाइल फोटो

● व्रत को लेकर बाजारों में रही चहल पहल, महिलाओं ने पूजा समान की खरीदारी


लखनऊ/पटना। उपवास रख महिला करेंगी कल गुरुवार को हरतालिका तीज व्रत रख। इस व्रत में पति व पुत्र की लंबी उम्र की कामनाएं की जाती है। 

पूरे देश में इस प्रमुख व्रत पर्व को महिला हरतालिका व्रत के रूप में मनाती है। जिसको भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाया जाता है। इस व्रत के दिन भगवान गौरी-शंकर के पूजन को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत हस्त नक्षत्र में होता है। इसे सभी कुआंरी यु‍वतियां तथा सौभाग्यवती ‍महिलाएं ही करती हैं। 

इस संबंध में हमारे पौराणिक शास्त्रों में इस पर्व को सधवा-विधवा सबको आज्ञा दी गई है। इस व्रत को 'हरतालिका' इसीलिए कहते हैं कि पार्वती की सखी उन्हें पिता-प्रदेश से हर कर घनघोर जंगल में ले गई थी। 

व्रत पूजन सामग्री :- हरतालिका पूजन के लिए - गीली काली मिट्टी या बालू रेत। बेलपत्र, शमी पत्र, केला पत्ता, धतूरा फल-फूल, तुलसी, मंजरी, जनैव, नाडा, वस्त्र, सभी प्रकार के फल ,फूल पार्वती मां के लिए सुहाग सामग्री- मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, बाजार में उपलब्ध सुहाग पुड़ा आदि। श्रीफल, कलश, अबीर, चन्दन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, घी, दही, शक्कर, दूध, शहद पंचामृत के लिए महत्वपूर्ण है। 

इसका पूजन प्रदोष काल में किया जाता हैं। प्रदोष काल अर्थात् दिन-रात के मिलने का समय। संध्या के समय स्नान करके शुद्ध व उज्ज्वल वस्त्र धारण करें। तत्पश्चात पार्वती तथा शिव की मिट्टी की सुवर्णयुक्त प्रतिमा बनाकर विधि-विधान से महिला पूजा करतीं हैं। दूसरी तरफ बालू रेत अथवा काली मिट्टी से भगवान शिव-पार्वती एवं गणेशजी की प्रतिमा बनाये जाते हैं।