धूमधाम से मनाया गया क्रिसमस डे, शिक्षिका द्वारा बच्चों में बांटा गया क्रिसमस गिफ्ट

धूमधाम से मनाया गया क्रिसमस डे, शिक्षिका द्वारा बच्चों में बांटा गया क्रिसमस गिफ्ट

ग्राम भारती बालिका विद्यापीठ शिक्षिका सुमन शर्मा के नेतृत्व में ईसा मसीह का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया गया। 

क्रिसमस मनाते बच्चे, फोटो-pnp

कैमूर, रामगढ़। क्रिसमस डे की अवसर पर पी एन बी बैंक के पीछे ग्राम भारती बालिका विद्यापीठ शिक्षिका सुमन शर्मा के नेतृत्व में ईसा मसीह का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया गया। 

साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें बहुत से बच्चों ने भाग लिया। शिक्षिका द्वारा बताया गया कि आखिर क्रिसमस डे क्यों मनाते हैं और कब से मनाते हैं। ईसाइयों के प्रमुख ग्रंथ बाइबल के अनुसार प्रभु यीशु का जन्म इजरायल के शहर बेथलेहेम मैं चार ईसा पूर्व गौशाला के अंदर हुआ था। 

जिससे कि यीशु की याद में कुछ लोग घर में गौशाला बनाते हैं, इन झांकियों में यीशु की देखभाल करने वाले गडे़रीयों को भी दर्शाया जाता है। पिता का नाम युसूफ और माता का नाम मरियम था। 

कहते हैं कि परमात्मा का संकेत पाकर यूसुफ ने मरियम से विवाह किया और फिर उनके संतान हुई और उसका नाम यीशु रखा गया। बताया जाता है कि यूसुफ और उनके पिता पेशे से बढ़ई थे बचपन से ही वह पिता के काम में उनका हाथ बताते थे। 30 वर्ष की आयु आते आते उन्होंने मानवता कल्याण के लिए काम करना शुरू कर दिया। और फिर वह जगह जगह जाकर लोगों को उपदेश देते थे। उनका ऐसा करना यहुदी धर्म के कट्टरपंथियों को अच्छा नहीं लगा। और उनका विरोध भी किया जाने लगा।

 फिर एक दिन उन्हें रोमन गवर्नर के सामने पेश किया गया। और उन्हें सूली पर चढ़ाने की सजा सुनाई गई। गुड फ्राइडे के दिन उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। कहते हैं कि सूली पर चढ़ाए जाने के बाद ईश्वर के चमत्कार से यीशु फिर जीवित हो गए और उन्होंने ईसाई धर्म की स्थापना की। 

कहते हैं कि पश्चिमी देशों ने चौथी शताब्दी के मध्य में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में मनाने की मान्यता दी, आधिकारिक तौर पर 18 70 में अमेरिका ने क्रिसमस के दिन फेडरेल हॉलीडे की घोषणा की क्रिसमस जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन की खुशी में सेलिब्रेट किया जाता है। जिन्हें भगवान का बेटा कहा जाता है। 

बता दें क्राइस्ट से ही बना है क्रिसमस ऐसे बाइबिल में जीसस क्राइस्ट के जन्म की तारीख का कोई जिक्र नहीं है। लेकिन इसके बावजूद में हर वर्ष 25 दिसंबर के दिन उनका बर्थडे मनाया जाता है। कहा जाता है कि 336 ईसवी में रूम के पहले ईसाई सम्राट के दौर में 25 दिसंबर के दिन सबसे पहले क्रिसमस मनाया गया था जिसके कुछ वर्षों बाद पोप जुलियस ने ऑफिशियल जीसस क्राइस्ट का जन्म दिवस 25 दिसंबर के दिन मनाने का ऐलान कर दिया तब से पश्चिमी देशों में क्रिसमस डे मनाया जाने लगा। 

इसके उपरांत यीशु मसीह का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया। बच्चों ने संस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया। शिक्षिका द्वारा बच्चों के बीच कॉपी कलम एवं केक का वितरण किया गया। 

उक्त अवसर पर शिक्षक कमलेश शर्मा, प्रदीप सिंह, सुमन तिवारी, बम बम सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।