सकलडीहा में धड़ल्ले से चल रहा मिलावटी सीमेंट का गोरख धंधा, प्रिज्म प्लस सीमेंट में आई शिकायत

सकलडीहा में धड़ल्ले से चल रहा मिलावटी सीमेंट का गोरख धंधा, प्रिज्म प्लस सीमेंट में आई शिकायत

हार्डवेयर की दुकानों पर ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर घटिया किस्म के सीमेंट की मिलावट का गोरख धंधा जोरों से चल रहा है | जहां ब्रांडेड कंपनी के बारे में मिलावटी सीमेंट पैकिंग कर बेचे जा रहे हैं|  प्रिज्म सीमेंट में मिलावट का मामला बताया जा रहा है | 

Purvanchal News Print | चंदौली । सकलडीहा बाजार में हार्डवेयर की दुकानों पर ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर घटिया किस्म के सीमेंट की मिलावट का गोरख धंधा जोरों से चल रहा है।

जहां ब्रांडेड कंपनी के बारे में मिलावटी सीमेंट पैकिंग कर बेचे जा रहे हैं और अपनी मेहनत मजदूरी से कमाकर मकान बनाने वाले छोटे मझौली लोगों को ठगा जा रहा है। प्रिज्म सीमेंट में मिलावट का मामला बताया जा रहा है।  सकलडीहा कोतवाली अंतर्गत ग्रामसभा बरठी मे 1 माह पूर्व ढाला गया छत गिरने के कगार पर है। इसकी वजह है कि घटिया किस्म का प्रिज्म प्लस सीमेंट के नाम पर मिलावटी सीमेंट ग्राहक को थमा दिया।

कभी भी गिर सकता है नकली प्रिज्म प्लस सीमेंट से बना घर !
आरोपी की बातें सच मानें तो बरठी गांव के विजय राय नामक व्यक्ति ने सकलडीहा बाजार से एक व्यवसाई अमित कुमार जायसवाल s/o सुभाष चंद्र जयसवाल जो बड़े डीलरों में उनका नाम आता है, उन्होंने विजय राय को 4 कुंतल सरिया 28 बोरी प्रिज्म प्लस सीमेंट और 4 किलो तार दिए हैं जिसका उन्होंने पक्का बिल नहीं दिया सिर्फ एक सादे कागज पर लिख कर दिए है। 

जब छत ढलाई  के एक सप्ताह के बाद छत पक्का नहीं हो पाया तो इसके बारे में दुकानदार को बताया गया की छत का सीमेंट अभी पक्का नहीं है । तब उन्होंने एक इंजीनियर को भेजा, इंजीनियर ने ग्राहक के घर पहुंचा और कहा  कि कम से कम 3 दिन से 14 दिन तक पानी भर कर रखिए। उसके बाद 17 वें दिन धूप लगने दें।  24 से 28 दिन के बाद सिलाप खोलने का सही तरीका है । उन्होंने कहा कि जो भी मैटेरियल खराब होगा।  मैं उसकी भरपाई करवा दूंगा।

 उनके कहने के अनुसार पूरे 28 दिन हो गया। जब इंजीनियर आया तो बोला कि मेरा सीमेंट खराब नहीं है। जब सारे काम इंजीनियरों द्वारा बताये नियमों के अनुसार किए गए तो फिर इस प्रकार की गड़बड़ी कहीं ना कहीं इंजीनियर और दुकानदार की शामिल हाल होने का सबूत पेश करता है।


 बड़े दुकानदार आए दिन इस प्रकार की घटनाएं करते रहते हैं और भोले भाले लोगों को ठगने का काम करते रहते हैं अगर कोई बात करता है तो उसको धमकाने का कार्य भी  करते हैं। ऐसे मिलावटी सामान बेचने वाले दुकानदारों और व्यापारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।


 वहीं विजय राय ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाया हैं कि ऐसे बड़े-बड़े गोदाम व्यवसायियों के गोदामों को चेक करें ताकि इनके गलत कारनामे आम जनता के सामने उजागीर हो सके और बढ़े व्यवसाई छोटे लोगों को ठगने का कार्य ना कर सके कोई कम्पनी गलत नहीं होता है गलत होते हैं ऐसे बढ़े व्यवसायी लोग ब्रांडेड कंपनी का लेबल लगाकर घटिया किस्म का माल डालकर पैक करते हैं और लोगों को बेवकूफ बनाते हैं। 

इन लोगों का यही रैकेट चल रहा है, ताकि कोई यह न कह सके कि मेरा माल खराब है। इसलिए कि डोर टू डोर इंजीनियर भेजने का काम करते हैं और इंजीनियर 1 महीने का समय टालमटोल में बीता देता है और जब नुकसान होता है तो कहता है कि लेबर मिस्त्री का लाइसेंस दिखाएं और कभी रेत में मिट्टी होने की बात कहते हैं तो कभी गिट्टी खराब है तो कहीं पोखरी का पानी इस्तेमाल किए हैं, इसलिए सीमेंट पकड़ नहीं रहा है। यही रवैया है ये ग्राहकों को डराने की बात करते हैं और ग्राहक इन सब बातों से लोग डर जाए और इन लोगों का धंधा आराम से फल-फूल सके।

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