पश्चिमी यूपी में सरकारी क्रय केन्द्रों पर एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू करने जा रही है। वहीं पूर्वी उप्र में पहली नवम्बर से इसकी शुरूआत होगी |
लखनऊ। यूपी में पूर्वांचल को पिछड़ा मानने से इंकार करने वाली भाजपा सरकार के धान खरीद के निर्देश ने स्पष्ट कर दिया है कि पूर्वांचल अभी कितना पीछे है। पश्चिमी उप्र में सरकारी क्रय केन्द्रों पर एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू होने जा रहा है।
वहीं पूर्वी उप्र में एक नवम्बर से इसकी शुरूआत होगी। इससे कई सवाल खड़ा होने लगे हैं। क्या पूर्वी यूपी में देर से धान की खेती होती है। जब अधिकारी से लेकर बिजली पानी का रोस्टर एक है तो पूर्वांचल में ऐसा क्यों होता है? क्या पूर्वांचल आज भी बदहाल है। ऐसे तमाम सवाल उठने लगे हैं।
पश्चिम की अपेक्षा पूर्वांचल काफी बदहाल
अब सवाल यह उठता है यूपी की योगी सरकार पूर्वांचल के किसानों से धान खरीद की डेट को एक माह बाद पीछे क्यों रखा है? अगर, इस तरह का रोस्टर इस सरकार का न बनाया गया हो तब भी उसका मूल कारण यह है कि मौजूदा समय ही नहीं लम्बे समय से पश्चिम की अपेक्षा पूर्वांचल काफी बदहाल है। आज भी पश्चिम, बुंदेलखंड की अपेक्षा पूर्वांचल के आम आदमी की औसत आय कम है। इससे भी खराब स्थिति औद्योगिक क्षेत्र की है। कहां गाज़ियाबाद और कहां स्व. विश्वनाथ सिंह का गाजीपुर।
पूर्वांचल राज्य जनआंदोलन के राष्ट्रीय कार्यकारी संयोजक हरवंश पटेल पूर्वांचली कहते हैं कि धान खरीद को लेकर यह सरकारी आदेश का एक मात्र हल यह है कि पूर्वांचल को पृथक राज्य का दर्जा दिया जाए। जिसके लिए लोग लम्बे समय से संघर्ष कर रहे हैं। सवाल यह नहीं है कि पूर्वी व पश्चिमी प्रदेश के धान खरीद के लिए किसने ऐसा करवाया अथवा इसकी शुरुआत किसके द्वारा की गई। सवाल यह कि क्या यह सच नहीं है कि पश्चिम की अपेक्षा पूर्वांचल पिछड़ा हुआ है। तभी तो ऐसा करना पड़ा। पूर्वी यूपी की खेती पिछड़ने की क्या वजह यह एक बड़ा सवाल है ? पूर्वांचल के समग्र विकास के लिए पृथक राज्य का गठन किया जाना ही वास्तविक हल है।
ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू
धान बेचने के लिए किसान ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते है। किसान स्वयं, जनसेवा केन्द्र अथवा कैफे में जाकर पंजीकरण करा सकते हैं। शासन की तरफ से इस वर्ष सामान्य धान का समर्थन मूल्य 2040 रुपये तथा ए ग्रेड धान का समर्थन मूल्य 2060 रुपये निर्धारित किया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों को उनकी उपज की कीमत मूल्य समर्थन योजना के अनुरूप या उससे अधिक दिलाने के उद्देश्य से आगामी एक अक्टूबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और एक नवम्बर से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में किसानों से सीधे धान की खरीद शुरू की जाएगी।
टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 पर सरकारी मदद
किसान किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 या संबंधित जनपद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर सकते हैं।
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