आज पार्श्व गायक उदित नारायण झा का 68 वां जन्म दिन है | उदित नारायण झा, जिन्हें हम सब उदित नारायण के नाम से जानते हैं, एक प्रमुख भारतीय पार्श्वगायक हैं | उन्होंने अपने संगीत करियर की शुरुआत "रेडियो नेपाल" शो के लिए स्टाफ कला कर्मी के रूप में की थी |
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Happy Birthday: उदित नारायण झा का आज 68 वां जन्म दिन |
आज पार्श्व गायक उदित नारायण झा का 68 वां जन्म दिन है | उदित नारायण झा, जिन्हें हम सब उदित नारायण के नाम से जानते हैं, एक प्रमुख भारतीय पार्श्वगायक हैं | उन्होंने अपने संगीत करियर की शुरुआत "रेडियो नेपाल" शो के लिए स्टाफ कला कर्मी के रूप में की थी |
उन्होंने अपने करियर में 15,000 से अधिक गीतों को 32 भाषाओं में गाया है, जिसमें हिंदी, कन्नड़, नेपाली, उर्दू, भोजपुरी, गढ़वाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, ओडिया, असमीया, मैथिली, बंगाली आदि शामिल हैं |
उदित नारायण झा का जन्म 1 दिसंबर 1955 को भारत के बिहार राज्य के सुपौल जिले के बैसी गांव में हुआ था | उनके पिता हरेकृष्ण झा नेपाल के नागरिक थे, जबकि उनकी माता भुवनेश्वरी झा भारतीय नागरिक थीं | उन्होंने अपनी शिक्षा श्री पब्लिक बिंदेश्वरी माध्यमिक स्कूल, राजबीराज, नेपाल और रत्न राज्य लक्ष्मी कैंपस, काठमांडू, नेपाल से प्राप्त की | इस आधार पर उन्हें नेपाल में पैदा होने की भी बातें की जाती है |
उन्होंने अपने बॉलीवुड प्लेबैक में 1980 में अपनी शुरुआत की थी | उन्हें तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तथा पांच फिल्म फेयर पुरस्कार मिले हैं | उन्होंने 1988 में फिल्म " कयामत से कयामत तक " में अपने सुपरहिट गानों के साथ अपना ब्रेकथ्रू पाया | उनका गाना "पापा कहते हैं" उनकी उल्लेखनीय प्रदर्शन था, जिसने उन्हें उनका पहला फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया |
उन्होंने अपनी पत्नी दीपा के साथ "दिल दीवाना" नामक पॉप एल्बम में साथ में गाया | 2011 में, वे हॉलीवुड फिल्म "वेन हैरी ट्राइज़ टू मैरी" में एक गाना "दुल्हे राजा" गाने का अवसर प्राप्त हुआ |
उन्होंने अपने योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा 2009 में पद्म श्री और 2016 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया | उनके गानों में से 21 गाने बीबीसी के "ऑल टाइम टॉप 40 बॉलीवुड साउंडट्रैक" में शामिल हैं |
उदित नारायण, भारतीय संगीत की एक अद्भुत परिभाषा हैं। उन्होंने अपनी सुरीली आवाज़ और अद्वितीय शैली के साथ संगीत के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। उनकी आवाज़ ने लोगों के दिलों में जगह बनाई, और वे कई प्रमुख गायकों में गिने जाते हैं जैसे कि लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, और किशोर कुमार।
उनकी एकाधिक भावपूर्ण और संवेदनशील आवाज़ ने सुनने वालों को मार्मिक रूप से प्रभावित किया है। उन्होंने गीतों को जिस तरीके से अपनी आवाज़ से जीवंत किया है, वह अद्वितीय है।
उनके कई गाने जैसे कि "तुम ही हो", "पहली बार दिल यूं", "तन्हा दिल", "तेरी मेरी", "दीवाने हूं दीवाने", और "धड़कन" जैसे गीत लोगों के दिलों में बस गए हैं। उन्होंने अपनी कला और गायन के माध्यम से लोगों को गहरे भावों में ले जाने की क्षमता दिखाई है।
उदित नारायण ने न केवल भारतीय संगीत में बल्कि वैश्विक संगीत संसार में भी अपनी महत्ता साबित की है। उनके संगीतीय योगदान ने उन्हें एक शानदार स्थान प्राप्त कराया है।
उदित नारायण का संगीत में योगदान संगीत प्रेमियों के दिलों में सदैव बसा रहेगा। उनकी अनूठी आवाज़ और गायन की शैली ने उन्हें बड़ी पहचान दिलाई है और वह हमेशा सर्वोत्तम गायकों में गिने जाएंगे।