अब साइबर जालसाजों की खैर नहीं ! सरकार ने नई ऑटो-एफआईआर प्रणाली शुरू की

अब साइबर जालसाजों की खैर नहीं ! सरकार ने नई ऑटो-एफआईआर प्रणाली शुरू की

सरकार ने 10 लाख रुपये से अधिक की साइबर धोखाधड़ी पर तत्काल कार्रवाई के लिए स्वचालित ई-एफआईआर प्रणाली शुरू की है। एनसीआरपी या 1930 पर शिकायत करने पर एफआईआर स्वतः दर्ज हो जाएगी। 
अब साइबर जालसाजों की खैर नहीं! सरकार ने नई ऑटो-एफआईआर प्रणाली शुरू की

  • Self-service system for cyber fraud
  • इस सुविधा का उपयोग दिल्ली में शुरू हो गया है और जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
  • 1930 पर कॉल करें और BIR अपने आप हो जाएगा - जान लें कि यह महत्वपूर्ण है


अब अगर किसी ने आपके साथ 10 लाख रुपये से अधिक की ऑनलाइन ठगी की है तो आपको पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है।

भारत सरकार ने नई ई-जीरो एफआईआर प्रणाली शुरू की है। यह प्रणाली स्वचालित रूप से आपके दावे को एफआईआर में परिवर्तित कर देगी। यह नई सुविधा फिलहाल दिल्ली में शुरू की गई है, लेकिन जल्द ही यह पूरे देश में उपलब्ध हो जाएगी।

यह नई प्रणाली विशेष रूप से साइबर धोखाधड़ी के बड़े मामलों की तुरंत जांच करने के लिए बनाई गई थी। अब यदि आप एनसीआरपी पोर्टल या 1930 हेल्पलाइन पर दावा करते हैं और राशि 10 लाख रुपये से अधिक है, तो आपका दावा स्वतः ही एफआईआर में परिवर्तित हो जाएगा।

यह पहल गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले I4C (भारत साइबर अपराध समन्वय केंद्र) द्वारा शुरू की गई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस उपाय से साइबर अपराधियों के खिलाफ पहले की तुलना में तेजी से कार्रवाई करना संभव हो सकेगा।

  • The government aims to create a cyber-safe India, where cyber scammers are not spared.
  • How will the new automated FIR system work
  • Where to lodge a complaint?


यदि आप 10 लाख रुपये या उससे अधिक की साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, तो आप दो जगहों पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं: राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930।

How will the automated FIR be created?
एक बार जब आप शिकायत दर्ज कर देंगे तो सिस्टम स्वतः ही जीरो एफआईआर बना देगा। यह एफआईआर इलेक्ट्रॉनिक अपराध पुलिस स्टेशन, दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक रूप से दर्ज की जाएगी।

What is Zero FIR?
जीरो एफआईआर वह एफआईआर है जो किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सकती है, भले ही अपराध वहां न हुआ हो। इसके बाद उसे संबंधित क्षेत्र के पुलिस स्टेशन भेज दिया जाता है।

What is the next step?
शिकायतकर्ता (जिसने शिकायत दर्ज की है) को 3 दिनों के भीतर निकटतम साइबर अपराध प्रभाग में जाना चाहिए और इस शून्य पुलिस रिपोर्ट को नियमित पुलिस रिपोर्ट में परिवर्तित करना चाहिए। इससे कानूनी कार्रवाई शीघ्रता से शुरू की जा सकेगी।

Where is it being implemented now?
यह प्रणाली फिलहाल दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई है। बाद में इसे देश के बाकी राज्यों और क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य साइबर सुरक्षित भारत बनाना है।


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