GOPIGANJ (भदोही), पूर्वांचल न्यूज प्रिंट। आखिर कोई मां अपने पांच बेटे को क्यों गंगा नदी में फेंक देगी। इस बेदर्द मां के सामने कौन सी मजबूरी रही होगी, यह घटना सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए। कोतवाली क्षेत्र के जहांगीराबाद गांव की एक बेदर्द मां ने अपने पांच बच्चों को रविवार की सुबह गंगा नदी में फेंक दिया। चर्चा यह है कि पारिवारिक समस्याओं की वजह से सम्भवतः अवसाद में आकर उस मां ने यह कदम उठाया होगा। जब यह
जानकारी स्थानीय लोगों को हुई तो मौके पर पहुंची पुलिस गोताखोरों के सहयोग से सभी बच्चों की तलाश कर रही है।
हालांकि खोजने में जुटे गोताखोरों को दिन चढ़ने तक सफलता नहीं मिल पायी थी। है। देर तक खोजबीन के बाद ढूढ नहीं पाने पर स्थानीय लोग भी नदी में उतर कर तलाशी अभियान में जुट गए । पुलिस का कहना है कि पारिवारिक समस्याओं की वजह से सम्भवतः अवसाद में आकर महिला ने यह कदम उठाया है। कुछ तो गरीबी से भी इस मामले को जोड़ रहे हैं। हालांकि इस मामले की पड़ताल कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
भदोही स्थित गंगा घाट पर रविवार सुबह एक महिला ने आत्महत्या की नीयत से पांच बच्चों को लेकर गंगा में छलांग लगा दी। महिला खुद हालांकि तैरकर बाहर आ गई, लेकिन पांचों बच्चे डूब गए। इनमें तीन बच्चियां और दो बेटे हैं। जब ग्रामीणों ने पूछा तो महिला ने कहा कि मैने बच्चों को गंगा में डुबो दिया है।
गोपीगंज थाना क्षेत्र के जहांगीराबाद गांव निवासी मृदुल यादव उर्फ मुन्ना की पत्नी मंजू यादव (36) देर रात अपने पांच बच्चों में शिव शंकर (6) केशव प्रसाद (3), आरती (11), सरस्वती (7) और मातेश्वरी (5) को लेकर जहांगीराबाद घाट पहुंची थी। उसने सभी बच्चों के साथ गंगा में छलांग लगा दिया। जिसके चलते पांचों बच्चे गंगा में डूब गए, वहीं मंजू तैरकर बाहर आकर घाट के किनारे बैठ गई। रविवार की सुबह जब ग्रामीणों की निगाह पड़ी तो पूछे जाने के बाद बताया कि मैने अपने पांचों बच्चों को गंगा में डुबो दिया। घटना के बाद बच्चों के पिता मृदुल यादव के बताया कि वह बीती रात किसी रिश्तेदार को लेकर झारखंड गए थे। सूचना मिलने के बाद आनन-फानन में बच्चों के पिता भी मौके पर पहुंच गया। जिन्होंने बताया कि पत्नी मानसिक रूप से अस्वस्थ है, समझ में नहीं आ रहा है कि उसने ऐसा कदम कैसे उठाया होगा। बच्चों की मां ने आरोप लगाया कि पति से किसी बात को लेकर लड़ाई झगड़ा हुआ था। जिसके बाद उसने ऐसा निर्णय लिया। हालांकि दिन के 11 बजे तक डूबे बच्चों की तलाश नहीं हो पाई थी। गोताखोर और पुलिस बच्चों की तलाश में लगे रहे। सूचना मिलने के बाद कोतवाल कृष्णानंद राय समेत बड़ी संख्या में पुलिस के लोग घटनास्थल पर मौजूद रहे। इस घटना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।