By: Harvansh Patel
लखनऊ: कल यूपी सीएम आदित्यनाथ ने 14 मई यानी आज गुरुवार से राज्य में ऑनलाइन लोन मेला शुरू करने की घोषणा कर दी थी .आज उन्होंने इसका उदघाटन भी कर दिया. चंद मिनटों बाद ही राज्य के ऑनलाइन लोन फेयर में MSME सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाखों के चेक बंटने शुरू गए हैं. कार्यक्रम के तहत पहले ही दिन एमएसएमई उद्यमियों को 1600 करोड़ से लेकर 2000 करोड़ तक का लोन उपलब्ध कराया .उन्होंने इस मौके पर कहा है कि मैं PM, वित्त मंत्री का आभार व्यक्त करता हूं, MSME को ह्रदय से धन्यवाद देता हूं कि कल पैकेज घोषित हुआ और आज MSME विभाग राज्य स्तरीय बैंकर कमेटी के साथ संवाद बनाकर 56,754 लाभार्थियों को 202 करोड़ रुपये का लोन वितरण एक साथ कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ लोन मेले पर भी सवाल उठना शुरू हो गया है. क्या जिन्हें लोन दिया जा रहा है वे पहले से ही सारी औपचारिकतायें पूरी कर ली थी क्या पहले से बैंक ने लिस्ट तैयार कर लिया था. तो इस लोन में क्या उन्हें ही कर्ज दिया जा रहा है जो पहले से सरकारी मशीनरी ने लिस्टिंग कर रखा है. यह भी चर्चा है कि पहले ही एक दिन में 36000 व्यापारियों को 1600-2000 करोड़ बांट दिया जाएगा. बाद में लोन लेने अथवा नया उद्योग शुरू करने के लोगों को भी कुछ हाथ लगेगा. ज्ञातव्य हो कि एमएसएमई सेक्टर से जुड़ी सबसे अधिक यूनिट उत्तर प्रदेश में ही हैं. बावजूद सबसे अधिक पलायन यूपी के लोग ही करते हैं. इसके पहले ही समाजवादी सरकार में भी लम्बा चौड़ा यूपी में निवेश करने के दावे किए गए थे, इसके बाद भाजपा सरकार ने भी खूब इनवेस्टर यहां आने के कहानियां सुनाई थीं. आज जो स्थिति है वह किसी से छिपी नहीं है. इस लोन मेले से सरकारी कर्ज व मदद के बाद अगर मजदूरों को पलायन नहीं करना पड़ रहा है तो इससे सुंदर कोई बात हो ही नहीं सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से जनपदों में वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना की शुरुआत
भी की गई थी लेकिन कोरोना संकट के कारण इसमें रुकावट दिखती रही . लेकिन आज एमएस
एमई सेक्टर के लिए लोन देने की हुई घोषणा से इसे गति मिलना चाहिए. वित्त मंत्री ने इस सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के लोन की घोषणा के साथ ही इस सेक्टर में काम करने वाले कर्मियों की ईपीएफ की समस्या के समाधान की जो व्यवस्था की गई है. सच तो यह है कि वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एमएसएमई सेक्टर को ताकत देने के लिए बड़ा ऐलान सिर्फ उन्हें लाभ पहुंचाएगा जो पहले से स्थापित हैं. क्या इस व्यवस्था से इससे लोकल के लिए वोकल बनने की हमारी कोशिश को गति मिल पायेगा. यह समय ही बताएगा. यह लोन मेले का लाभ केवल उद्योगपति खुद को मजबूत करने के लिए साबित होता है या इससे यहां के लोगों को भी मिलेगा. क्यूंकि की प्रधानमंत्री के आत्म निर्भर बनाने की घोषणा से काफी उम्मीदें उन लोगों में ज्यादा है जो जरूरतमंद हैं. जिन्हें काम की तलाश में प्रवासी तक बनना पड़ता है.
एमई सेक्टर के लिए लोन देने की हुई घोषणा से इसे गति मिलना चाहिए. वित्त मंत्री ने इस सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के लोन की घोषणा के साथ ही इस सेक्टर में काम करने वाले कर्मियों की ईपीएफ की समस्या के समाधान की जो व्यवस्था की गई है. सच तो यह है कि वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एमएसएमई सेक्टर को ताकत देने के लिए बड़ा ऐलान सिर्फ उन्हें लाभ पहुंचाएगा जो पहले से स्थापित हैं. क्या इस व्यवस्था से इससे लोकल के लिए वोकल बनने की हमारी कोशिश को गति मिल पायेगा. यह समय ही बताएगा. यह लोन मेले का लाभ केवल उद्योगपति खुद को मजबूत करने के लिए साबित होता है या इससे यहां के लोगों को भी मिलेगा. क्यूंकि की प्रधानमंत्री के आत्म निर्भर बनाने की घोषणा से काफी उम्मीदें उन लोगों में ज्यादा है जो जरूरतमंद हैं. जिन्हें काम की तलाश में प्रवासी तक बनना पड़ता है.