Hindi Samachar/ चन्दौली
किसान संवाद प्रयास कार्यक्रम में किसानों ने खेतों में धान की पराली न जलाने को लेकर एक कमेटी उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया।
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फोटो-किसानों की बैठक में कामेश्वर राय |
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कमालपुर/चन्दौली। उत्तर प्रदेश में धान का कटोरा कहा जाने वाला चन्दौली के पिपरी गांव में दुखहरण नाथ मंदिर परिसर में रविवार को किसान संवाद प्रयास कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इसमें किसानों ने खेतों में धान की पराली जलाने पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया। साथ ही निर्णय लिया कि जल्द एक कमेटी बनाकर खेतों में पराली न जलाने के आदेश पर उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर किया जाएगा।
किसान नेता कामेश्वर राय ने कहा कि आज किसान उच्चतम न्यायालय द्वारा खेतों में पराली न जलाने के आदेश को लेकर परेशान है। इससे किसान खेती को लेकर काफी चिंतित है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन पिछले पांच दशक पूर्व हो चुकी है।बावजूद आज तक पर्यावरण को दूषित करने के घटक की जानकारी नहीं दिया गया है।किसान मजबूरी में पराली जला रहा है।
इसके लिए बेबस किसान पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। दिल्ली व अन्य प्रदेशों की अपेक्षा नरवन व महाइच के खेतों की भौगोलिक स्थिति अलग है।
बाबजूद किसानों को पराली जलाने से रोक लगाया जा रहा है।एनजीटी पर्यावरण संस्था के पहल पर उच्चतम न्यायालय ने खेतों में पराली जलाने पर रोक लगाने का आदेश निर्गत किया है।
जबकि पर्यावरण की दृष्टि में अलग-अलग प्रदेशों व जनपदों का तापमान अलग अलग है।इसके लिए जल्द ही किसानों की कमेटी बनाकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर किया जाएगा।
इस मौके पर ड़ा0 हरेंद्र राय, रमेश राय, रामजी तिवारी, हरीश सिंह, परमानन्द सिंह, संतोष बिंद, राजू रतन सिंह, मनोज राय, बिनोद राय, ड़ा0 वेदव्यास राय, आलोक राय, जयप्रकाश उपाध्याय, संजय उपाध्याय, दरोगा राय, गिरीश विक्रम सिंह, प्रणव राय, अनिल तिवारी आदि रहे।